हम में से ज्यादातर लोग वजन कम करने का सपना देखते हैं। हम सभी अनचाहे फैट को कम करने के लिए बहुत सारे प्रयास करते हैं। हमें यकीन है कि आपने सर्वश्रेष्ठ आहार का पालन करने से लेकर एक्सरसाइज करने तक हर संभव कोशिश की होगी, लेकिन क्या होगा यदि आप अभी भी फैट कम नहीं कर पा रही हैं। खासकर अपने पेट से? संभवत: यह आपके पेट पर आपके हार्मोन का कहर हो।
हार्मोन आपके चयापचय, तनाव, भूख और यहां तक कि सेक्स ड्राइव सहित शरीर में कई कार्यों को विनियमित करने में मदद करते हैं। यदि आपके हार्मोन व्हैक (whack) से बाहर हैं, तो इससे कुछ हार्मोन में कमी हो सकती है। यही कारण है कि आपके पेट का उभार पहले से कहीं अधिक होता जा रहा है। इसका नाम है ‘हार्मोनल बैली’।
हार्मोन संबंधी कई स्थितियां हैं जो आपके पेट के आसपास वजन बढ़ने का कारण बन सकती हैं। इसमें एक अंडरएक्टिव थायरॉयड, पीसीओएस (PCOs) या यहां तक कि मेनोपॉज शामिल है। अन्य हार्मोनल असंतुलन मोटापे, पर्यावरणीय ट्रिगर और विषाक्त पदार्थों, अत्यधिक तनाव या कुछ दवाओं के कारण भी हो सकते हैं।
तो आपको कैसे पता चलेगा कि आप हार्मोनल बैली से पीड़ित हैं? यह जानने के लिए यहां कुछ संकेत और लक्षण दिए गए हैं:
क्या हाल ही में ऐसा हुआ है कि उचित भोजन करने के बाद भी आपको पेट भरा हुआ महसूस नहीं होता? खैर, अगर यह अक्सर हो रहा है, तो इसका मतलब है कि आपके सेक्स हार्मोन अप्रत्यक्ष रूप से हार्मोन को प्रभावित कर रहे हैं। जो आपके चयापचय को नियंत्रित करते हैं: एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन।
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यदि आपके शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर कम है, तो आप भोजन करने के बाद भी भूख महसूस कर सकती हैं। इसका कारण लेप्टिन पर एस्ट्रोजन का प्रभाव है। आपके शरीर में जितना अधिक लेप्टिन होता है, उतना ही समस्या ग्रस्त होता है।
शोध बताते हैं कि टेस्टोस्टेरोन का भी लेप्टिन सांद्रता पर उलटा असर होता है। इसका मतलब है जैसे ही आपके टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ता है, लेप्टिन कम हो जाता है।
हर बार जब आप तनाव में होती हैं, तो आपकी अधिवृक्क ग्रंथियां (adrenal glands) आपके शरीर को उचित रूप से प्रतिक्रिया देने में मदद करने के लिए कोर्टिसोल जारी करती हैं। यदि आप हर समय तनावग्रस्त रहती हैं, तो आपकी अधिवृक्क ग्रंथि को यह एहसास भी नहीं होगा कि यह बहुत अधिक कोर्टिसोल का उत्पादन कर रहा है, जो कि आपके शरीर को चाहिए।
वास्तव में, आपके शरीर में कोर्टिसोल का उच्च स्तर हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर और यहां तक कि ब्लड शुगर को बढ़ाता है। साथ ही, कोर्टिसोल का स्तर बढ़ने से पेट की चर्बी भी बढ़ती है।
जैसा कि हम जानते हैं, मेनोपॉज कई मायनों में जीवन में परिवर्तन करती है। हां, आप ऐसे में वजन बढ़ने का भी अनुभव करती हैं! ऐसा इसलिए है क्योंकि आपके शरीर में हार्मोन का स्तर नीचे चला जाता है। एस्ट्रोजन का कम स्तर अत्यधिक व्यायाम, आपके खाने के पैटर्न और यहां तक कि पिट्यूटरी ग्रंथियों के साथ समस्याओं के कारण हो सकता है।
जब एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है, तो एक ज्यादा संभावना है कि पेट के आसपास चर्बी जमने लगती है। जैसा कि कूल्हों, जांघों और नितंबों (buttocks) के विपरीत होता है।
यदि आपका हर समय कुछ मीठा खाने का मन करता है, तो इस बात की अधिक संभावना है कि आपका शरीर इंसुलिन प्रतिरोध से जूझ रहा है। इंसुलिन प्रतिरोध के मामले में, आपकी कोशिकाएं रक्त प्रवाह से चीनी को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाती हैं, और यह आपकी कोशिकाओं को कार्ब्स के लिए भूखा छोड़ देता है। यह क्रिया आपके लेप्टिन के स्तर पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। इंसुलिन और लेप्टिन दोनों के प्रति संवेदनशीलता में कमी के साथ, आप यह नहीं समझ पाएंगे कि आपको कब मीठे फूड्स का सेवन करना है और कब नहीं। यह अंततः आपके हार्मोनल बैली में वसा को बढ़ावा देगा!
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