क्या चीनी छोड़ देने से कंट्रोल हो सकती है डायबिटीज, डॉक्टर बता रहे हैं इस दावे की हकीकत

डायबिटीज से जूझते लोग डायबिटीज का केवल एक ही निदान मानते हैं कि चीनी या मीठा खाना छोड़ दो। लोग इसके साथ बाकी परहेज़ और व्यायाम एकदम इग्नोर ही कर देते हैं। इसी का परिणाम होता है कि ब्लड शुगर कंट्रोल में नहीं आ पाता क्योंकि यह बात केवल आधी सच है कि चीनी खाना छोड़ देने से डायबिटीज कंट्रोल में आ जाता है।
क्या महज चीनी छोड़ देने से ठीक हो जाती है डायबीटीज? चित्र - एडोबीस्टॉक
Published On: 28 Dec 2024, 12:00 pm IST
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अंदर क्या है

  • क्या है डायबिटीज?
  • कितने तरह की होती है डायबिटीज?
  • डायबिटीज में परहेज़ क्यों जरूरी?
  • डायबिटीज रोगी क्या खाएं और क्या नहीं
  • क्या महज चीनी छोड़ देने से ठीक हो जाती है डायबिटीज?

गांवों में बल्कि शहरों में भी ब्लड शुगर बढ़ जाने यानी डायबिटीज से जूझते लोग डायबिटीज का केवल एक ही निदान मानते हैं कि चीनी या मीठा खाना छोड़ दो। लोग इसके साथ बाकी परहेज़ और व्यायाम एकदम इग्नोर ही कर देते हैं। इसी का परिणाम होता है कि ब्लड शुगर कंट्रोल में नहीं आ पाता क्योंकि यह बात केवल आधी सच है कि चीनी खाना (Sugar in diabetes) छोड़ देने से डायबिटीज कंट्रोल में आ जाता है। लोग डायबिटीज को एक आदत की तरह मानते हैं जबकि यह बीमारी है। जिसमें कई बार इलाज़ की ज़रूरत होती है,कई बार परहेज और व्यायाम की और कई बार तीनों की। आज हम आपको बताएंगे कि डायबिटीज में केवल परहेज़ और केवल व्यायाम क्यों नहीं कारगर है। क्यों दोनों का साथ ज़रूरी है और टटोलेंगे चीनी छोड़ देने से डायबिटीज ठीक हो जाता है,वाले मिथक की हकीकत भी।

क्या है डायबिटीज? (What is Diabetes?)

डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर के खून में शुगर लेवल बढ़ जाता है। यह दरअसल होता तब है जब हमारा शरीर पर्याप्त इंसुलिन (Insulin) नहीं बना पाता जो शरीर के लिए ज़रूरी है या फिर कई बार यह भी होता है कि इंसुलिन शरीर मे बनता तो है लेकिन हमारी बॉडी उसे ठीक तरह से इस्तेमाल नहीं कर पाती।

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इंसुलिन रेजिस्टेंस तब होता है जब आपके शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति कम प्रतिक्रियाशील हो जाती हैं। चित्र- अडोबी स्टॉक

अब आप सोच रहे होंगे कि इंसुलिन क्या है? दरअसल,इंसुलिन एक हार्मोन है जो शरीर को खाने से मिली एनर्जी को कंट्रोल करता है। जब बॉडी में इंसुलिन नहीं बनता या इंसुलिन का इस्तेमाल ठीक से नहीं हो पाता तब खाने से मिली एनर्जी हमारे शरीर के लिए दुश्मन बन जाती है। ये किडनी के लिए भी ख़राब है, हमारे हार्ट के लिए भी और हमारी नसों के लिए भी।

कितनी तरह की होती है डायबिटीज? (Types of Diabetes)

एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉक्टर लिपिका श्रीवास्तव के अनुसार, डायबिटीज मुख्यतः तीन तरह की हो सकती है।

1. टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes)

टाइप 1 डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम ही इंसुलिन बनाने वाली सेल्स को खत्म कर देता है। ये बीमारी आजकल ज्यादातर बच्चों और युवा लोगों में पाई जा रही है। चूंकि इस बीमारी से पीड़ित लोगों का शरीर खुद से इंसुलिन नहीं बना पाता इसलिए मरीज को जीवन भर इंसुलिन इंजेक्शन लेना पड़ सकता है।

2.टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes)

टाइप 2 डायबिटीज सबसे कॉमन डायबिटीज है। ये आम तौर पर वयस्कों या बुजुर्गों में होती है। इस डायबिटीज में या तो शरीर पर्याप्त इंसुलिन बना नहीं पाता या बनाता भी है तो उसका इस्तेमाल नहीं कर पाता। इसे डॉक्टर्स अपनी भाषा में इंसुलिन रेसिस्टेंस (Insulin Resistance) भी कहते हैं। ये बीमारी आम तौर पर ख़राब लाइफस्टाइल, ज़्यादा वजन या फिर जेनेटिक कारणों से होती है।

3.जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational Diabetes)

जेस्टेशनल डायबिटीज महिलाओं में ही पाई जाती है जो गर्भावस्था (pregnancy) के दौरान कॉमन है। ये अक्सर बच्चे के जन्म के बाद ठीक हो जाती है। लेकिन अगर इसे नज़रंदाज़ किया गया या फिर लापरवाही बरती गई तो भविष्य में टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बन जाता है।

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डायबिटीज में परहेज़ क्यों जरूरी?

अभी हमने ऊपर समझा कि डायबिटीज में इन्सुलिन जो शरीर की एनर्जी को कंट्रोल करता है,वही अपना काम ठीक से नहीं कर पाता। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि हम वही खाएं जो शरीर में फैट,कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लिए जिम्मेदार ना हो। लोग अक्सर यह मान लेते हैं कि डायबिटीज में मीठा (Sugar in diabetes) खाना छोड़ना ही इसका हल है। लेकिन यह बात आधी सच है।

सिर्फ चीनी छोड़ने से कंट्रोल नहीं हो सकती डायबिटीज (Sugar in diabetes)

हमने जब इस बारे में डॉक्टर लिपिका से पूछा तो उन्होंने कहा कि ये दावा पूरी तरह गलत है कि डायबिटीज केवल मीठा छोड़ देने से कंट्रोल हो सकती है। उनके अनुसार, डायबिटीज केवल मिठाई, शक्कर या मीठी चीजों से ही नहीं होती। यह शरीर मे कार्बोहाइड्रेट, फैट और प्रोटीन के बैलेंस ना बन पाने के कारण होती है। अब अगर आप चीनी खाना छोड़ चुके हैं लेकिन फिर भी तला, भुना और बाहर का खाना नहीं छोड़ पा रहे हैं तो फिर डायबिटीज भी आपको नहीं छोड़ेगी। क्योंकि इन सबमें फैट की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है जिसकी वजह से ब्लड शुगर (Sugar in diabetes) बढ़ता ही चला जाता है।

डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए व्यायाम है जरूरी (Exercise benefits to control Diabetes)

परहेज करते हुए यह नहीं भूलना है कि हमें डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए एक्सरसाइज भी करनी है। नियमित व्यायाम डायबिटीज को कंट्रोल करने में बहुत मदद करता है। इससे खून में शुगर का लेवल कम होता और इंसुलिन ठीक तरीके से अपना काम कर पाता है,जिसकी वजह से आपके दिल की सेहत भी बनी रहती है और वजन भी कंट्रोल में रहता है।

व्यायाम डायबिटीज से राहत का आसान तरीका हो सकता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

डायबिटीज के लिए तेज चलना, दौड़ना, साइकिल चलाना बहुत काम आ सकते हैं। इसके अलावा वेट लिफ्टिंग भी डायबिटीज में आपके काम आ सकता है। और हां, व्यायाम की वजह से योग को ना भूल जाएं। ये शरीर को फ्लेक्सिबल रखता है जिससे शरीर में फैट जमा नहीं हो पाता।

डायबिटीज रोगी क्या खाएं और क्या नहीं (What to eat in Diabetes)

अगर आप डायबिटीज से जूझ रहे हैं या भविष्य में डायबिटीज से बचना चाहते हैं तो आपको खाने में फाइबर से भरपूर चीजें जोड़नी चाहिए जिसमें फल,सब्जियां और खड़े अनाज शामिल हैं। ये सारी चीजें पाचन को बेहतर बनाती हैं ।

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कुछ खास फल डायबिटीज से राहत देने में आपकी मदद कर सकते हैं। चित्र : अडॉबीस्टॉक

इसके अलावा शरीर मे पर्याप्त प्रोटीन हो इसके लिए आपको दाल, अंडे या फिर मछली को अपने खाने में शामिल करना पड़ेगा।और हां, प्रोसेस्ड फूड, तले खाने और सॉफ्ट ड्रिंक्स से परहेज करना जरूरी है क्योंकि ये शरीर के ब्लड शुगर (Sugar in diabetes) को तेजी से बढ़ाते हैं।

कुल मिला कर बात इतनी है कि डायबिटीज में केवल परहेज या केवल व्यायाम आपको इससे निजात नहीं दिला सकता। दोनों का साथ में पालन जरूरी है। इसके साथ ही आपको ये मिथक भी दिमाग़ से निकालना पड़ेगा कि सिर्फ मीठा या चीनी छोड़ देने से डायबिटीज आपको छोड़ देगा।

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लेखक के बारे में
राेहित त्रिपाठी
राेहित त्रिपाठी

गोरखपुर यूनिवर्सिटी से स्नातक और लिखने-पढ़ने की आदत। रेख्ता, पॉकेट एफएम, राजस्थान पत्रिका और आज तक के बाद अब हेल्थ शॉट्स के लिए हेल्थ, फिटनेस, भारतीय चिकित्सा विज्ञान और मनोविज्ञान पर रिसर्च बेस्ड लेखन।

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