महाकुंभ 2025 के आयोजन को शुरू होने में महज कुछ दिन बचे हैं। 13 जनवरी 2025 से यह आयोजन उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में शुरू हो जाएगा। देश के कोने कोने से आए लाखों लोग इस आयोजन का हिस्सा होंगे। हिन्दू धर्म के उपासकों के लिए ये जाहिर तौर पर महत्वपूर्ण आयोजन है लेकिन कई बार बीमारियां या स्वास्थ्य से रिलेटेड कोई परेशानी ऐसे आयोजनों में शामिल होने की राह रोक देती है।
इन्हीं परेशानियों में से एक है सांस संबंधी दिक्कतें। कई बार ये अस्थमा के तौर पर होती है, कई बार COPD के तौर पर या कई बार सांस से ही जुड़ी हुई कोई और दिक्कत। ऐसे में महाकुंभ जैसे आयोजनों का हिस्सा बनना मुश्किल दीख पड़ता है क्योंकि भीड़ सांस संबंधी समस्याओं को और गंभीर बना सकती है। अगर आपको सांस संबंधी कोई दिक्कत है तो कैसे इस आयोजन का हिस्सा बनें (Safety tips for respiratory issues)। आज हम बात इसी की करने वाले हैं।
जहां भीड़ होगी वहाँ हवा में धूल, गंदगी होने की वजह से प्रदूषण का बढ़ना लगभग तय ही है। खासकर कुम्भ में जहां नदी के किनारे की रेत लोगों के पाँव से उड़ती ही रहती है।
ये स्थिति अस्थमा, सीओपीडी (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) और सांस से रिलेटेड अन्य बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों के लिए ठीक नहीं है। उन्हें सांस लेने में दिक्कत, खांसी और कई बार बुखार जैसी भी समस्या हो सकती है।
भीड़ भाड़ वाले इलाकों में इन्फेक्शन बहुत तेजी से फैलता है। इसकी वजह होती है लोगों के एक दूसरे के संपर्क में आने के कारण बैक्टीरिया, वायरस का ट्रांसफर। इससे साँसों का इन्फेक्शन होना बहुत कॉमन है। और ये इन्फेक्शन उनके लिए और खतरनाक है जिनको सांस की बीमारी पहले से ही है।
भीड़-भाड़ वाली जगहों पर घबराहट या मेंटल स्ट्रेस बढ़ सकता है जिससे सांस की मुश्किल और भी बढ़ सकती है। खास कर अस्थमा के मरीजों को घबराहट के दौरान सांस लेने में मुश्किल हो सकती है, जिससे उनकी स्थिति और भी गंभीर हो जाती है।
कुम्भ जैसे आयोजनों में अधिकतर खड़ा रहना या पैदल चलना पड़ सकता है जिससे थकावट होनी कॉमन है। सांस की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए थकावट खतरनाक हो सकती है क्योंकि थकान में व्यक्ति जल्दी जल्दी सांसें लेने लगता है और हार्ट पर दबाव बढ़ता है।
भीड़-भाड़ में एयर क्वालिटी अक्सर खराब हो जाती है, खासकर अगर मौसम में धुंआ, धूल जैसी चीजें हों। ये स्थिति अस्थमा जैसी बीमारी से पीड़ित या किसी भी तरह की एलर्जी से पीड़ित व्यक्तियों के लिए मुश्किल से भरी हो सकती है।
सांस संबंधी रोगों के डॉक्टर दीपक चंद्र श्रीवास्तव के अनुसार, कई सावधानियां हैं (Safety tips for respiratory issues) जो ऐसे वक्त में अपनाई जा सकती हैं। इन्हें दो कैटेगरी में बाँट दिया जा सकता है। वे सावधानियां जो कुम्भ में जाने से पहले अपनाई जा सकती हैं और फिर दूसरी कुम्भ के दौरान।
महाकुंभ यात्रा पर जाने से पहले आपको एक बार अपने डॉक्टर से मिल लेना जरूरी है।
खासकर अगर आपको अस्थमा, सीओपीडी (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) या कोई और सांस की समस्या है। उसी अनुसार डॉक्टर आपको दवाइयाँ और प्रीकाशंस के बारे में बता देंगे।
अपनी सभी जरूरी दवाइयाँ यात्रा में साथ रखें। अगर आप अस्थमा या एलर्जी से पीड़ित हैं, तो इनहेलर, एंटी-एलर्जी टेबलेट्स, या कोई भी दवाइयाँ जो आपकी समस्या को कंट्रोल कर सकती हैं, उन्हें सामान के साथ पैक कर लीजिए।
कई बार डॉक्टर्स सांस की समस्या से पीड़ित लोगों को कुछ सामान्य सी बीमारियों से बचाव के लिए वैक्सीन दे सकते हैं ताकि उन्हें फ्लू और निमोनिया जैसी चीजों से ना जूझना पड़े। अक्सर इन बीमारियों की वजह से मरीजों की सांस लेने की समस्या और बढ़ जाती है। लेकिन ध्यान रहे ऐसे टीके बिना डॉक्टर की देख रेख के ना लगवाएं।
कुंभ मेले के इलाके में धूल और प्रदूषण ज्यादा हो सकते है, जो सांस लेने में मुश्किल पैदा करते हैं। इसलिए कोशिश करें कि भीड़भाड़ वाले इलाके में कम से कम आना जाना हो और अगर जा भी रहे हैं तो मास्क जरूर पहनें।
भीड़ भाड़ वाले इलाकों में वायरस और बैक्टीरिया फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। ऐसे में सांस से जुड़े इन्फेक्शन कॉमन हैं। कोशिश करें कि अनजान लोगों के संपर्क में ना आएं और अपनी बॉडी को कवर्ड रखें ताकि इन्फेक्शन का खतरा टल सके। भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर बैक्टीरिया और वायरस फैल सकते हैं, जिससे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। जहां तक हो सके, खुले स्थानों पर रहने की कोशिश करें और भीड़-भाड़ से बचें। सारी सावधानियों (Safety tips for respiratory issues) में से इस बात का जरूर ख्याल रखना है।
महाकुंभ में बहुत चलने या घबराहट की स्थिति में शरीर में पानी की कमी हो सकती है जो सांस लेने में दिक्कत का एक और कारण है। इसलिए बेहतर स्थिति यही है कि वक्त वक्त पर पानी पीते रहें ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे।
कुम्भ जैसे आयोजनों में पैदल चलना मजबूरी हो सकती है लेकिन अगर आपको सांस की समस्या है तो पैदल चलने से बचें ताकि आपको थकावट ना हो। थकावट की सूरत में सांस की समस्या और बढ़ जाती है। इसलिए अगर पैदल चल रहे हैं तो थोड़ी थोड़ी देर पर आराम करते रहिए।
1.यदि आपको अचानक सांस लेने में कठिनाई होने लगे, तो तुरंत इमरजेंसी सर्विसेस की मदद लें। करें।
2.अस्थमा के मरीजों को अगर अचानक तेज खांसी आने लगे तो इसे अलार्म की तरह लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
3.कई बार भीड़ में या बहुत ज्यादा प्रदूषित इलाके में सांस के मरीजों का चेहरा और होंठों का रंग नीला पड़ने लगता है, अगर ऐसा आपके साथ हो रहा हो तो आपको तत्काल इलाज की जरूरत है। 4.बेहोशी या चक्कर भी सांस की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए भीड़ में अलार्म जैसे ही लक्षण हैं। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से कॉन्टेक्ट करें।