विटामिन और मिनरल से भरपूर करेले का सेवन करने से शरीर के वज़न को नियंत्रित करने के अलावा कई तरह के फायदे मिलते हैं। जहां डायबिटीज़़ को नियंत्रित करने के लिए करेले के छिलकों का रस पिया जाता है। वहीं इसके बीज से तैयार होने वाला तेल हेयरफॉल से बचाने में मददगार साबित होता है। साथ ही बालों का रूखापन, कमज़ोरी और रूसी को भी दूर किया जा सकता है। जानते हैं करेले के तेल से बालों को मिलने वाले फायदे और इसे बालों में लगाने का तरीका भी।
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ अंकुर तंवर बताते हैं कि करेले में विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंटस की उच्च मात्रा पाई जाती है। इससे बालों की जड़ों को मज़बूती मिलती है। करेले में विटामिन ए, सी और बी पाया जाता है। इसके अलावा एंटीऑक्सीडेंट की भी प्राप्ति होती हैं। इससे स्कैल्प को पोषण मिलता है और उससे बालों के रोम मजबूत बनते हैं।
रिसर्चगेट की रिपोर्ट के अनुसार करेले में बायोएक्टिव कंपाउंड पाए जाते हैं। साथ ही कॉज्यूकेटिड फैटी एसिड ए (इलियोस्टेरिक एसिड) पाया जात है। इसके इस्तेमाल से फाइटोकेमिकल की प्राप्ति होती है। यू एस कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार सौ ग्राम करेले में कई पोषक तत्व होते हैं। इसमें 84 मिलीग्राम विटामिन सी, 0.043 मिलीग्राम विटामिन बी 6, 24 माइक्रोग्राम विटामिन ए और 1 ग्राम प्रोटीन पाया जाता हैं।
करेले के तेल को स्कैल्प पर लगाने से सिर की त्वचा हाइड्रेटेड रहती है। इससे स्कैल्प की नमी रीस्टोर होने लगती है, जिससे डैंड्रफ का खतरा कम होने लगता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंटस की मात्रा रूखेपन को कम करके नेचुरल ऑयल को बूस्ट करने में मदद करता है।
करेले के तेल को सीमित मात्रा में हेयरवॉश से पहले बालों में लगाएं। इससे बालों का टूटना और झड़ना कम होने लगता है। विटामिन और मिनरल्स की उच्च् मात्रा से हेयरइलास्टीसिटी बनी रहती है। इससे बालों की कमज़ोरी को भी दूर किया जा सकता है।
पोषण की कमी सफेद बालों का कारण साबित होती है। इसमें मौजूद विटामिन ए और बालों के पिगमेंट को मेंटेन रखने में मदद करते हैं। इससे हेयर फॉलिकल्स को मज़बूती मिलती है और प्रीमेच्योर ग्रे हेयर की समस्या से बचा जा सकता है। इसकी मदद से बाल स्मूद, शाइनी और मुलायम नज़र आते हैं।
बालों का रूखापन कम करने के लिए करेले का तेल कारगर उपाय है। इससे स्कैल्प में सीबम का प्रोडक्शन बढ़ने लगता है, जिससे क्लॉग्स फॉलिकल्स को ओपन करके डस्ट पार्टिकल्स को रिमूव किया जा सकता है। इससे स्कैल्प के नरिशमेंट में मदद मिलती है।
बालों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए करेले के तेल को कैरियर ऑयल में मिलाकर बालों में मसाज करें। इससे ब्लड का सर्कुलेशन बए़ने लगता है, जिससे हेयरलॉस से राहत मिलती है और बालों की शाइन मेंटेन रहती है।
दही में मौजूद लैक्टिक एसिड से बालों का नेचुरल ऑयल मेंटेन रहता है। इसके लिए दही में कुछ बूंद करेले के तेल को मिलाएं और बालों में लगाएं। 15 से 20 मिनट तक बालों को कवर करके रखें। उसके बाद बालों को धो दें।
बालों का रूखापन और रूसी दूर करने के लिए करेले के तेल को शैम्पू में मिलाकर बालों में अप्लाई करें। इससे बालों में नेचुरल मॉइश्चर रीस्टोर होने लगता है। साथ ही बालों में बढ़ने वाली खुजली और संक्रमण से भी राहत मिलती है।
हेयरवॉश से पहले चावल के पानी में सेब का सिरका मिलाएं और कुछ बूंद करेले का तेल डा लें। अब इस मिश्रण को स्प्रे बॉटल में डालकर बालों को धोने से 1 घंटा पहले बालों में अप्लाई करें। इससे हेयावॉस से राहत मिलती है और रूसी को कम किया जा सकता है।
इसे बनाने के लिए करेला काटकर उसके बीज अलग कर लें। अब बीज को धोकर कोल्ड कंप्रेस विधि का इस्तेमाल किया जाता है। इसके चलते बीज को दबाया जाता है और फिर उनमें मौजूद ऑयल को निकाला जाता है। इसे बिना किसी कैरियर ऑयल में मिक्स किए बगैर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।