न्यू ईयर पार्टी में ओवरइटिंग के बाद वेटगेन का खतरा बना रहता है। ऐसे में वज़न को नियंत्रित करने के लिए कई तरह की टिप्स को अपनाया जाता है। साथ ही कुछ लोग डाइट को स्किप करने लगते है, जिससे शरीर में पोषण की कमी बढ़ने लगती है और कमज़ोरी व थकान का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अगर आप वेटगेन से बचने के लिए हेल्दी रेसिपीज़ की तलाश में हैं, तो बीटरूट रागी चीला (Beetroot ragi chilla recipe) एक हेल्दी विकल्प है। इससे न केवल शरीर को आयरन व प्रोटीन की प्राप्ति होती है बल्कि पाचनतंत्र को भी मज़बूती मिलती है। शरीर को पोषण प्रदान करने वाली ये रेसिपी शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद है। जानते हैं बीटरूट रागी चीला की रेसिपी (Beetroot ragi chilla recipe) और इससे शरीर को मिलने वाले फायदे भी।
बचपन में सर्दी की शुरूआत के साथ ही सुबह के नाश्ते में अक्सर गर्मागर्म चुकंदर का चीला या परांठा नाश्ते में मिलता है। मां इसमें बेसन और गेहूं आटे की जगह रागी का आटा मिलाना नहीं भूलती थी। इससे बढने बच्चो में कैल्शियम की कमी पूरी होने लगती है। साथ ही हीमोग्लोबिन की कमी को भी दूर करने में मदद मिलती है। बीटरूट रागी चीला हर उम्र के लोगों के लिए बेहद फायदेमंद हैं।
डायटीशियन मनीषा गोयल बताती हैं कि शरीर के लिए विटामिन, मिनरल और प्रोटीन की आवश्यकता होती है। बीटरूट चीला खाने से शरीर को इन सभी पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा में प्राप्ति होती है। चुकंदर से जहां शरीर को फाइबर, फोलेट और प्रोटीन की प्राप्ति होती है, वो वहीं रांगी को आहार में शामिल करने से शरीर को कैल्शियम, पोटेशियम और विटामिन सी की प्राप्ति होती है।
इससे न केवल हड्डियों को मज़बूती मिलती है बल्कि रेड ब्लड सेल्स की मात्रा बढ़ने लगती है। इससे एनीमिया की रोकथाम में मदद मिलती है। इसके अलावा शरीर में डाइजेशन बूस्ट होता है और वेटलॉस में मदद मिलती है।
चुकंदर में भरपूर मात्रा में नाइट्रेट पाया जाता है। इससे ब्लड वेसल्स रिलैक्स होती है और शरीर में रक्त का प्रवाह उचित बना रहता है। इसके सेवन से शरीर को फाइबर की भी प्राप्ति होती है, जिससे गट हेल्थ को मदद मिलती है और गुड बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ने लगती है। इसके नियमित सेवन से ग्लूकोज़ मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में भी मदद मिलती है।
रागी यानि फिंगर मिलेट को आहार में शामिल करने से शरीर को कैल्शियम की प्राप्ति होती है। इससे ओस्टियोपरोसिस का खतरा कम होने लगता है और हड्डियो की मज़बूती बढ़ने लगती है। शरीर को इंस्टेंट एनर्जी प्रदान करने वाले इस खाद्य पदार्थ से शरीर का पॉलीफेनोल्स की प्राप्ति होती है। इससे पाचनतंत्र को मज़बूती मिलती है और डायबिटीज़ व मोटोपे की समस्या हल होने लगती है। इसके सेवन से शरीर में हीमोग्लोबिल लेवल में भी सुधार आने लगता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर अदरक का सेवन करने से कब्ज, फर्मेटेशन, इंटेस्टाइनल गैस और ब्लोटिंग से राहत मिलती है। इसमें मौजूद जिंजरोल कंपाउड की मदद से शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव का खतरा कम हो जाता है।
इससे शरीर में जमा कैलोरीज़ को बर्न करने में मदद मिलती है और मॉर्निंग सकनेस से भी राहत मिलती है। नियमित रूप से आहार में शामिल करने से हृदय रोगों के खतरे से भी बचा जा सकता है।
विटामिन ए से भरपूर हरी मिर्च का सेवन करने से दृष्टि में सुधार आने लगता है। इसे आहार में शामिल करने से गैस्ट्रिक जूस का उत्पादन बढ़ने लगता है, जिससे पाचन में सुधार नज़र आने लगता है। इसमें मौजूद कैप्साइसिन कंपाउड पेन रिलीविंग गुणों से भरपूर है। साथ ही इससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है, जिससे वज़न को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है
रागी 1 कप
दही 1 कप
चुकंदर 1 कप
हरी मिर्च 1 से 2
अदरक 2 इंच
पानी आवश्यकतानुसार
नमक स्वादानुसार