आपने अपने आसपास ऐसे कई लोगों को देखा होगा, जिन्हें छोटी-छोटी बात पर भी बहुत गुस्सा आ जाता है। धीरे-धीरे ऐसे लोग इतने ज्यादा आक्रमक हो जाते हैं कि उनका खुद पर काबू नहीं रह पाता। जिसका असर न केवल उनके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है, बल्कि उनके दोस्त और रिश्तेदार भी उनसे धीरे-धीरे कटने लगते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि गुस्सैल व्यवहार को समय रहते कंट्रोल कर लिया जाए। अगर आपका रवैया भी इन दिनों आक्रामक होता जा रहा है, तो जरूरी है कि उसका कारण जानें। ताकि समय रहते इसे कंट्रोल किया जा सके। यहां हम कुछ टिप्स सुझा रहे हैं, जो गुस्से को कंट्रोल करने में मदद करेंगे।
सोशल साइकोलॉजी में इस व्यहवार को आक्रामक व्यवहार कहा गया है। ऐसे में व्यक्ति अपने होश में नहीं रहता और चिल्लाना, रोना या आसपास का सामान तोड़ने जैसे काम करने लगता है। कई बार यह मानसिक विकार का कारण हो सकता है। जिसमें डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है। लेकिन कई मामलों में खुद में बदलाव करके भी आप इस व्यवहार को कंट्रोल कर सकते हैं।
हेल्थ शॉट्स के इस लेख में आज हम आपको बताएंगे ऐसे टिप्स जिनके जरिए आप अपना आक्रामक व्यवहार कंट्रोल कर सकती हैं।
अगर आपको हर छोटी-छोटी बात पर गुस्सा आ जाता है, तो आपको इसका कारण समझने की आवश्यकता होगी। आपको थोड़ा अकेले में समय बिताने की जरूरत हैं, जिससे आप अपनी समस्या का कारण समझ पाए और उसका समाधान ढूढ़ पाए। अगर आपका कोई करीबी भी इस समस्या से गुजर रहा है, तो उनसे खुलकर बातचीत करने की कोशिश करें।
अब जानिए आक्रामक व्यवहार को कंट्रोल करने के कुछ प्रभावी उपाय
ज्यादातर मामलों में व्यक्ति का गलत सोच लेना ही उसके गुस्से का कारण होता है। जिसके कारण वह आक्रमक व्यवहार करने लगता है। इसलिए किसी भी बात को गहराई से जाने बिना या सही-गलत समझे बिना उस पर रिएक्ट करने से बचें। कई बार यही धारणाएं गलतफहमी का कारण बन जाती हैं।
आपको जिस भी बात पर गुस्सा आता है, उसे शांति से समझने की कोशिश करें। अगर किसी व्यक्ति पर गुस्सा आ रहा है, तो कुछ देर खुद को शांत रखकर उनकी बात समझने की कोशिश करें।
आपको उन मुद्दों को नजरअंदाज करना होगा जिसके कारण आपको जल्दी गुस्सा आ जाता हैं। ऐसी चीजों के बारें में सोचना या ध्यान देना आपके आक्रामक व्यवहार का कारण बन सकता है।
जब आपको किसी बात पर गुस्सा ज्यादा आने लगे तो खुद को किसी रचनात्मक कार्य में व्यस्त कर लें। यह एक प्रकार की मेंटल एक्सरसाइज होगी, जो आपको शांत करने और उन मुद्दों से ध्यान हटाने में मदद करेगी जिनके कारण आपको गुस्सा आता है।
हमारे वातावरण का हमारे व्यहवार पर सीधा असर पड़ता है। अगर आपको ऐसा महसूस होने लगा है कि आपके आसपास कुछ भी बेहतर नहीं चल रहा या आपको अपनी समस्याओं का हल नहीं मिल पा रहा, तो आपको वातावरण में बदलाव करने की आवश्यकता होगी।
इसके लिए आप कुछ दिन के लिए बाहर घूमने जा सकती हैं। या अपनी दिनचर्या में छोटे- छोटे बदलाव करने की कोशिश कर सकती हैं।
अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के मुताबिक व्यक्ति के आसपास का वातावरण उनकी मानसिक स्थिति प्रभावित करने का कारण बन सकता है, जो व्यक्ति को ज्यादा गुस्सा आना या प्रतिकात्मक व्यहवार का कारण बन सकता है।
अगर आपको छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आ जाता है या गुस्से में आपका खुद पर कंट्रोल नहीं रहता, तो आपको मेडिटेशन या कोई रिलेक्स करने वाली एक्टिविटी करने की आदत बनानी होगी। क्योंकि इससे आपको अपने मन को शांत करने के साथ अपनी समस्याओं पर स्पष्टता पाने में मदद मिल पाएगी। मेडिटेशन करने से आप अपने दिमाग को शांत रख पाएंगी और अपनी एनर्जी का बेहतर इस्तेमाल भी कर पाएंगी।
अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के अनुसार खुद को रिलेक्स रखने के लिए मेडिटेशन एक प्रभावित प्रैक्टिस साबित हो सकती है। क्योंकि इससे आपकी मानसिक स्थिति शांत बनी रहेगी और आपके मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर बना रहेगा।
अगर आपको किसी व्यक्ति या किसी वजह से गुस्सा आया है, तो उसे भूलने की कोशिश करें। क्योंकि बात पर रिएक्ट करने से सिर्फ परेशानी बढ़ेगी और यह आपके आक्रमक व्यहवार का कारण बनेगा।
मायों क्लीनिक की रिसर्च में सामने आया कि अगर व्यक्ति किसी बात पर अचानक रिएक्ट कर देता है, तो इससे उसके नकारात्मक विचार बढ़कर सकारात्मकता को कम करने लगते हैं। इसलिए खुद को शांत करने के लिए गुस्से वाले कारणों को भूलना शुरू करें।
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