गैसी फूड्स लेने पर फार्ट होना सामान्य बात है। पर यदि आपको एक सामान्य व्यक्ति से अधिक फार्ट होता है, तो आपको इस समस्या को खत्म करने पर विचार करना होगा। क्या आपको अक्सर पेट में गैस होने की समस्या होती है? यदि ऐसा है, तो इससे आप असहज भी महसूस करती होंगी। आपने सुना होगा कि कभी-कभी गैस से सीने में दर्द और सिरदर्द भी हो जाता है, जिसे तुरंत ठीक करने की जरूरत होती है। यदि गैस की समस्या आपको सामान्य से ज्यादा परेशान कर रही है, तो आप फार्ट की समस्या को खत्म करने के उपाय (how to stop fart) जानें।
हेल्थ शॉट्स ने हैदराबाद के कामिनेनी हॉस्पिटल्स में सीनियर जनरल फिजिशियन डॉ. जे सत्यनारायण से बात की। उन्होंने बताया कि फार्ट क्यों ज्यादा होते हैं और इसे रोकने के क्या उपाय हो सकते हैं।
डॉ. सत्यनारायण कहते हैं, “भोजन को बढ़िया से न चबाने, कार्बोनेटेड पेय पदार्थ या टाइप 2 डायबिटीज, सेलेक डिजीज या लिवर डिजीज जैसी बीमारियां अत्यधिक फार्ट में योगदान दे सकती हैं। हालांकि यह चिंता का कारण नहीं है। यदि आपका पेट सामान्य से अधिक फूलता है और खराब रहता है, तो आपको यह देखना होगा कि आप क्या खाती हैं।”
कम खाना हमेशा बेहतर होता है। जिस दर पर आपका पाचन तंत्र काम करता है उसे धीमा करना डायजेस्टिव सिस्टम और वेट लॉस दोनों के लिए बढ़िया होता है। कम खाने से आप अधिक समय तक संतुष्ट महसूस कर सकती हैं। यदि आपको ज्यादा खाने की आदत है, तो फार्ट की समस्या आपको जरूर परेशान करेगी।
कम खाने के साथ-साथ चबाकर खाना भी वास्तव में महत्वपूर्ण है। भोजन को समय लेकर अच्छी तरह चबा कर खाएं। यदि आपको जल्दी खाने की आदत है, तो शरीर में अधिक हवा जाने की संभावना भी होती है। यह पेट को गैसी बना सकती है।
ज्यादा सिगरेट पीने से भी गैस बनती है। इस आदत के कारण लोगों में कब्ज आम बात है। धूम्रपान से पेट फूलने की संभावना बढ़ जाती है।
वसायुक्त खाद्य पदार्थों में कटौती करें। फ़िज़ी पेय से बचें। पचने में अधिक समय लेने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करें। बीन्स, डेयरी उत्पाद, साबुत अनाज, गोभी, ब्रोकोली, फूलगोभी, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, सोडा, फल, हार्ड कैंडी, प्याज जैसी चीजें पेट में गैस बना सकती हैं। इनके अलावा, फ्रक्टोज और सोर्बिटोल जैसी मिठास से बचें। ये भी गैस का कारण बनती हैं।
कुछ चिकित्सीय स्थितियां हैं, जो अत्यधिक फार्ट का कारण बन सकती हैं। इनमें इरिटेबल बाउल सिंड्रोम, इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज, लैक्टोज इनटॉलरेंस, ईटिंग डिसऑर्डर और क्रोन डिजीज भी शामिल हैं।
जितना हो सके उतना पानी पीने की कोशिश करें। अपने आहार में लस्सी और दही का सेवन करें। यह आपके पाचन तंत्र को शांत करता है। यह सफलतापूर्वक गैस बनने से रोकता भी है।
हम लौंग को केवल तीखे मसाले के रूप में देखते हैं। इसमें कई औषधीय गुण होते हैं, जो बीमारियों से बचाते हैं। अगर आप लौंग की चाय बनाकर पीती हैं, तो आप कई तरह के संक्रमण को रोक सकती हैं। भोजन से पहले एक कप लौंग से बनी चाय पीने से अपच या पेट की परेशानी और सूजन जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। वायुनाशक गुणों से युक्त यह चाय पेट फूलने जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाती है। यह पेट में दर्द से भी छुटकारा दिलाता है।
अजवायन के बीज में थायमोल नामक पदार्थ होता है। यह एसिड स्रावित करता है, जो पाचन में सहायता करता है। अगर आप खाना खाने से पेट फूलने से बचना चाहती हैं, तो 1/2 चम्मच अजवायन को पानी में उबालकर रोजाना पानी पीएं।
दही और केफिर जैसे प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ पाचन में सुधार के लिए जाने जाते हैं। ये अच्छे बैक्टीरिया पैदा करने की क्षमता रखते हैं। यह कई पाचन मुद्दों जैसे सूजन, कब्ज, दस्त और यहां तक कि फार्ट की समस्या में भी मदद कर सकता है।
कैमोमाइल पौधे के वाष्पशील तेलों में कार्मिनेटिव प्रभाव होता है, जिससे पाचन तंत्र की गैस टूट जाती है। कैमोमाइल चाय का एक कप सूजन को कम करने और गैस से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।