हमारे आस-पास कई ऐसे पौधे देखने को मिलते हैं, जो औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। इन्हीं में से एक है इसबगोल (Psyllium Husk)। कम ही लोग इसबगोल के बारे में जानते होंगे, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार यह एक गुणकारी पौधा होता है। इसे कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से राहत पाने और बचने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। खास तौर से पेट के लिए यह बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। आइए जानते हैं पेट के लिए इसबगोल (Isabgol benefits for stomach) के फायदे।
इसबगोल एक झाड़ीनुमा पौधा है, जो कुछ-कुछ गेहूं के पौधे की तरह नज़र आता है। इसका वैज्ञानिक नाम प्लांटागो ओवाटा (Plantago ovata) है। इसके सिरों में गेहूं जैसी बालियां लगती हैं। इसके बीजों के ऊपर सफेद भूसी होती है, जिसे इसबगोल भूसी कहते हैं। स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियों के लिए इसबगोल की भूसी से लेकर इसकी पत्तियों और फूलों का उपयोग किया जाता है।
कब्ज से राहत दिलाने में इसबगोल का कोई जोड़ नहीं। असल में, इसबगोल में लैक्सेटिव प्रभाव होता है, जो मल निकासी की प्रक्रिया को आसान और तेज कर सकता है। साथ ही कब्ज होने की वजह कम फाइबर युक्त आहार का सेवन भी है।
एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) द्वारा प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक, इसबगोल में घुलनशील और अघुलनशील दोनों ही प्रकार के फाइबर होते हैं। इसी वजह से इसबगोल को कब्ज जैसी पेट संबंधी परेशानी के लिए फायदेमंद माना जाता है।
एक स्वस्थ शरीर के लिए पाचन का ठीक रहना बेहद जरूरी है और इसबगोल इसमें मददगार हो सकता है। इसबगोल में लैक्सेटिव प्रभाव होता है। यह प्रभाव पाचन क्रिया को अच्छी तरह से कार्य करने में सहायता कर सकता है। इसके अलावा, इसबगोल का इस्तेमाल चिकित्सीय एजेंट के रूप में कब्ज, दस्त और इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम यानी आंतों से जुड़ी समस्या के घरेलू उपचार के लिए भी किया जाता रहा है।
वजन घटाने के लिए भी इसबगोल फायदेमंद हो सकता है। यहां भी इसमें मौजूद फाइबर के लाभ देखे जा सकते हैं। दरअसल, फाइबर युक्त आहार का सेवन करने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है, जिससे अतिरिक्त भोजन करने की इच्छा कम होती है। इस प्रकार यह वजन को नियंत्रित करने का काम कर सकता है।
बवासीर की स्थिति में पीड़ित को मल त्याग के वक़्त खून आने की परेशानी के साथ दर्द भी होता है। इस समस्या के लक्षण को कम करने में इसबगोल भूसी लाभदायक हो सकती है। एनसीबीआई की रिसर्च के मुताबिक, इसबगोल भूसी का सेवन करने से इसमें मौजूद फाइबर बवासीर के दौरान होने वाले रक्तस्राव को कम कर सकता है।
कब्ज़ दूर करने एक अलावा इसबगोल डायरिया या दस्त रोकने में भी बेहद फायदेमंद है। अधिकांश डॉक्टर डायरिया के घरेलू उपाय के रुप में ईसबगोल खाने की सलाह देते हैं।
एक गिलास गर्म पानी में इसबगोल की भूसी मिलाएं और रात में खाना खाने के बाद इसका सेवन करें।
एक कटोरी दही में इसबगोल की भूसी मिलाएं। इसबगोल और दही का मिश्रण दस्त से आराम दिलाने में कारगर होता है। इसबगोल और दही को खाने के कुछ देर बाद एक गिलास पानी पिएं।
कब्ज की समस्या से राहत पाने के लिए रात में एक चम्मच त्रिफला पाउडर और ईसबगोल भूसी मिलाकर गर्म पानी के साथ इसका सेवन करें।
कितना खाएं – इसबगोल की एक दिन में 5-10 ग्राम (1-2 चम्मच) मात्रा का सेवन किया जा सकता है। यह मात्रा व्यक्ति की उम्र और स्वास्थ्य के हिसाब से कम या अधिक हो सकती है, इसलिए इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
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