हर व्यक्ति आहार में कुछ नए पन की खोज करता है। खाने में नयापन लाने के लिए न केवल नई रेसिपीज़ को ट्राइ करना चाहिए बल्कि कुछ नए इंग्रीडिएंटस की मदद से भी डाइट को पौष्टिक और टेस्टी बनाया जा सकता है। यूं तो व्यंजनों में आटे, मैदे और बेसन का इस्तेमाल किया जाता है, मगर रागी से तैयार व्यंजन आपकी सेहत को बेहद फायदा पहुंचाते हैं। ऐसे में रागी से तैयार पास्ता न केवल बच्चों की छोटी छोटी भूख का इंतजाम करता है बल्कि इससे शरीर को पोषक तत्वों की प्राप्ति भी होने लगती है। जानते हैं कैसे करें रागी के आटे से पास्ता तैयार और उसे बनाने की विधियां भी।
इस बारे में डायटीशियन डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि रागी में डाइटरी फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसे आहार में शामिल करने से बार बार भूख लगने की समस्या हल हो जाती है। इस शरीर में जमा अतिरिक्त कैलोरीज़ की समस्या हल होने लगती है। इसमें पाए जाने वाले टिप्टोफन अमीनो एसिड की मदद से एपिटाइट नियंत्रित होने लगता है। इससे वेटलॉस में मदद मिलती है।
आहार में रागी के आटे को सम्मिलित करने से शरीर को एल्यूसिनिन प्रोटीन की प्राप्ति होती है। रागी प्रोटीन का मुख्य स्त्रोत है। इससे मसल्स बिल्डिंग में मदद मिलती है। इसके अलावा शरीर एक्टिव और फिट बना रहता है। साथ ही हड्डियों में होने वाले दर्द और ऐंठन से भी राहत मिलने लगती है।
शरीर करे डायबिटीज़ के खतरे से बचाने वाले पॉलीफेनोल्स की उच्च मात्रा रागी में पाई जाती है। इसके अलावा लो ग्लाइसेमिक इंडैक्स होने से भी ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित बना रहता है। इस ग्लूटन फ्री आहार से डाइजेशन इंप्रूव होता है। साथ ही शरीर ग्लूटन एलर्जी से भी बचा रहता है।
एंटीऑक्सीडेंटस की मात्रा से भरपूर रागी न केवल शरीर को रोगों से मुक्त रखने में मदद करती है। वहीं इसमें मौजूद मेथियोनीन और लाइसिन जैसे अमीनो एसिड की मात्रा न केवल हेयरलॉस से बचाने में मदद करती है बल्कि इससे त्वचा पर बढ़ने वाले रैशिज, एजिंग और डेड स्किन सेल्स की समस्या से मुक्ति मिलती है। नियमित रूप से इसका सेवन करने से प्रीमेच्योग ग्रे हेयर की समस्या भी दूर होती है।
रागी का आटा 1 कप
पानी 1 गिलास
वेजिटेबल ऑयल 1 चम्मच
नमक स्वादानुसार
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