आज के समय में कई ऐसे सेलिब्रिटी, स्पोर्ट्स पर्सन, एथलीट और सामान्य लोग हैं, जो वीगन डाइट यानी कि प्लांट बेस्ड डाइट फॉलो करते हैं। वहीं प्लांट बेस्ड डायट को लेकर कई अध्ययन किए गए, जिनमें सामने आया है, की यह एक व्यक्ति के जीवनकाल को बढ़ा देता है। क्या ऐसा असल में मुमकिन है? क्या प्लांट बेस्ड डायट एनिमल बेस्ड डायट से अधिक सुरक्षित है? आज हम आपके इन सभी सवालों के जवाब लेकर आए हैं। तो चलिए जानते हैं, प्लांट बेस्ड डाइट और लांगेविटी (plant based diet helps in longevity) को लेकर क्या कहता है रिसर्च।
2020 में, दो अध्ययन किए गए और उसमें पाया गया कि प्लांट बेस्ड डाइट लेने से किसी भी व्यक्ति की उम्र अधिक लंबी हो सकती है। हार्वर्ड और तेहरान विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने प्लांट बेस्ड डायट से अपने प्रोटीन की आवश्यकता को पूरा किया है, उनमें समय से पहले मृत्यु का जोखिम 5 प्रतिशत कम होता है।
JAMA इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि रेड मीट और अंडे की जगह प्लांट बेस्ड प्रोटीन का सेवन करने वाले पुरुषों में समय से पहले मृत्यु का जोखिम 24 प्रतिशत और महिलाओं में 21 प्रतिशत तक कम होता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार प्लांट बेस्ड डाइट एंटीऑक्सीडेंट का एक बेहतरीन स्रोत है, जो आपकी बॉडी सेल्स को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचाता है और बॉडी इन्फ्लेमेशन को कम कर देता है। इसके अलावा इसमें फाइटोकेमिकल्स पाए जाते हैं, जिन में एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटी कैंसर प्रॉपर्टीज होती हैं और यह शरीर को इस प्रकार की बीमारियों से बचाते हैं।
मणिपाल हास्पिटल, गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा ने वेगन डायट यानी कि प्लांट बेस्ड डाइट फॉलो करने के कुछ महत्वपूर्ण फायदे बताएं हैं। डॉक्टर के अनुसार यह खुद को स्वस्थ एवं सुरक्षित रखने का एक अच्छा तरीका है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार वीगन डाइट में कम फैट और अधिक फाइबर होता है। नट्स, पालक, केल आदि जैसे फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाने से आपको संतुष्टि प्राप्त होती है और आप कम खाती हैं।
विगन डाइट आपको ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। प्लांट बेस्ड डायट में अधिक साबुत अनाज, ताजी सब्जियां और अन्य खाद्य पदार्थ होते हैं, जो ग्लाइसेमिक इंडेक्स में कम रैंक करते हैं। इस प्रकार यह ग्लूकोज के स्तर को सामान्य रखने में आपकी मदद करता है। प्लांट बेस्ड डायट में सैचुरेटेड फैट भी कम होता है, जो इसे टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए आदर्श बनाता है।
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मोटापा, गतिहीन जीवनशैली आदि जैसे कई जीवनशैली कारक किसी व्यक्ति को कुछ प्रकार के कैंसर, विशेष रूप से पेट, लिवर, पेनक्रियाज, पित्ताशय आदि के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकते हैं। अधिक फलियां और क्रूसिफेरस सब्जियां खाने और रेड मांस जैसे रिफाइंड खाद्य पदार्थों का सेवन कम करने से कैंसर होने का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है।
प्लांट बेस्ड डाइट हमारे आंत में बैक्टीरिया/माइक्रोबायोम को बढ़ावा देता है। इस प्रकार हेल्दी बैक्टीरिया बेहतर पाचन में मदद करते हैं, साथ ही साथ मेटाबॉलिज्म भी बेहतर होता है। इससे पाचन संबंधी समस्याओं का खतरा कम हो जाता है। साथ ही साथ वेट मैनेजमेंट में भी मदन मिलती है।
चूंकि यह डाइट कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और साथ ही ब्लड शुगर और पुरानी सूजन को भी कम करता है, इसलिए यह हृदय स्वास्थ्य की रक्षा के लिए भी बहुत अच्छा है। बढ़ता कोलेस्ट्रॉल और क्रोनिक ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस दो ऐसे कारण हैं, जो हार्ट अटैक का कारण बनते हैं।
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