साल 2020 से ही ऐसा लगभग हर साल हो रहा है जब चीन में किसी वायरस के प्रकोप की खबर आ रही है। इस बार की सर्दी भी ऐसी ही खबर ले कर आई है। रिपोर्ट्स के अनुसार चीन में एक वायरस जिसका नाम ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (HMPV Virus ) है, लोगों को बुरी तरह अपनी जद में ले रहा है। ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (HMPV) है, उसके फैलने की खबरें हैं। चाइना डिजीज कंट्रोल अथॉरिटी ने पिछले महीने के अंत में इस पर एक रिपोर्ट जारी कर के कहा था कि देश में एक अजीब किस्म का न्यूमोनिया फैल रहा है, जिसके कारण अज्ञात हैं। HMPV नाम का ये वायरस बच्चों और बुजुर्गों पर बुरी तरह असर करता है। तो चलिए एक्सपर्ट की मदद से इस वायरस के बारे में सब कुछ जानते हैं।
HMPV का पूरा नाम है – ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (Human Metapneumovirus)। ये एक तरह का वायरस है जो सांस संबंधित इन्फेक्शन को जन्म देता है। इससे सांस लेने में तकलीफ, ठंड और बुखार जैसी समस्याएं हो सकती हैं। 2002 में एक डच साइंटिस्ट ने इसे सबसे पहली बार ढूंढा था। अभी ये वायरस इसलिए चर्चा में हैं क्योंकि ऐसी रिपोर्ट्स आ रही हैं कि चीन में ये वायरस बुरी तरह से फैल रहा है और बच्चों और बूढ़ों को बुरी तरह नुकसान पहुंचा रहा है। इससे पहले अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग ने भी इसको लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि ऐसे बच्चे जो हल्के सांस संबंधी इन्फेक्शन ( acute respiratory infection से पीड़ित हो कर अस्पताल में भर्ती हुए थे, उनमें से 7 प्रतिशत बच्चों में HMPV Virus की मौजूदगी पाई गई थी। ऐसे बच्चों में न्यूमोनिया, बुखार, खांसी और जुकाम जैसी दिक्कतें ज्यादा थीं।
1. कोरोना की ही तरह HMPV के भी प्राथमिक लक्षण सर्दी- खांसी, जुकाम और बुखार हैं। इससे पीड़ित व्यक्ति में ऐसे लक्षण सबसे पहले दिखाई देते हैं।
2. सांस लेने में तकलीफ भी HMPV से पीड़ित होने के लक्षणों में से एक है क्योंकि ये सांस संबंधी इन्फेक्शन फैला कर सांस लेने की प्रक्रिया को प्रभावित करता है।
3. गले में जलन और सिर दर्द भी HMPV के लक्षणों में से एक है।
4. बुजुर्गों में कई बार HMPV शरीर में दर्द और थकान जैसे लक्षण भी लिए हुए आता है।
छोटे बच्चों और बुजुर्गों में यह वायरस कई बार गंभीर लक्षण भी दिखा सकता है, जैसे उन्हें निमोनिया और ब्रोन्काइटिस जैसी बीमारियों से भी पीड़ित होना पड़ सकता है।
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एण्ड रिसर्च के मुताबिक आम तौर पर ये वायरस 1 से 3 सप्ताह तक रह सकता है। लेकिन यह आपके इम्यून सिस्टम पर डिपेंड करता है। अगर आपकी इम्यूनिटी मजबूत है तो इसका असर एक सप्ताह में भी खत्म हो सकता है लेकिन कमजोर इम्यूनिटी की सूरत में ये वायरस अपने तगड़े प्रभाव दिखा सकता है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों में ये वायरस ज्यादा दिन तक रह कर तकलीफ दे सकता है। इस अमेरिकी संस्था के मुताबिक सर्दियों में इस वायरस के पनपने की संभावना ज्यादा होती है।
बच्चों- बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को ये वायरस न्यूमोनिया दे सकता है। ऐसी सूरत में फेफड़ों में सूजन हो जाती है और फिर सांस लेने में तकलीफ, घबराहट और शरीर में ऑक्सीजन की कमी जैसी दिक्कतें दिखाई देती हैं। इस समस्या के ज्यादा बढ़ने से कई बार लंबे समय के लिए हॉस्पिटलाइज होना पड़ सकता है।
ये बीमारी भी साँसों से जुड़ी हुई बीमारी है जो इस वायरस के कारण हो सकती है। ब्रोन्काइटिस की वजह से सांस की नली में सूजन और गले में जलन जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इस वजह से खांसी, गले में ज्यादा बलगम बनने लगने जैसी समस्याएं ज्यादा होती हैं। ऐसी स्थिति में सांस की समस्या कई बार इतनी बढ़ सकती है कि पीड़ित व्यक्ति को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखना पड़ सकता है।
सांसों की समस्या बढ़ाने वाला इस वायरस की जद में आ जाते हैं जिन्हें अस्थमा, सीओपीडी जैसी बीमारियां पहले से है तो उनके लिए स्थिति और गंभीर हो सकती है।
ये वायरस सांस लेना ही मुश्किल बनाता है, ऐसे में सांस के मरीजों को दिक्कत बढ़ सकती है। अस्थमा के मरीज या सीओपीडी से पीड़ित लोग ऐसे लोगों को भी कई बार ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ सकती है।
वायरलॉजिस्ट डॉक्टर ईश्वर पी गिलादा के अनुसार, अब तक इस वायरस को काउंटर करने के लिए कोई स्पेशल दवा नहीं बनाई गई है लेकिन कुछ केसेस में हल्के बुखार, सर्दी और खांसी के लक्षणों को एड्रैस करने के लिए बुखार और दर्द कम करने वाली दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस वायरस के अन्य लक्षण जैसे निमोनिया या सांस की तकलीफ होने पर, डॉक्टर उसी तरह का इलाज चुनते हैं। इसमें मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखना या फिर नॉर्मल एंटी वायरल दवाइयाँ देना शामिल है।
अगर आपको कोरोना का दौर याद हो तो ये भी याद होगा कि वैक्सीन के उपलब्ध होने के पहले बचाव के तरीके ही बस एकमात्र विकल्प थे जिससे वायरस की जद से बचा जा सकता था। HMPV के केस में भी बचाव के तरीके ही इससे बचने में आपकी मदद कर सकते हैं।
जैसे –
1. कई देशों में जारी गाइडलाइंस के मुताबिक, ऐसे व्यक्ति जो इस वायरस की जद में हैं उन्हें थोड़ी-थोड़ी देर पर अपने हाथ बीस सेकेंड्स तक धोने चाहिए।
2. अपनी आँखों, नाक या मुंह को बार बार हाथों से छूने से बचिए। ऐसा बार-बार करने से वायरस आपके नाक, आँख या मुंह के जरिए शरीर में पहुँच सकता है।
3. शरीर को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित आहार और पर्याप्त नींद जरूरी है ताकि किसी भी इन्फेक्शन की सूरत में शरीर वायरस से लड़ सके और जल्दी ठीक हो सके।
4. अगर आपके आस-पास कोई इस वायरस की जद में है तो ये सुनिश्चित करें कि पीड़ित व्यक्ति आइसोलेटेड रहे ताकि वायरस के फैलने का खतरा कम हो सके।
5. वायरस से पीड़ित होने से बचने के लिए शरीर का हाइड्रेशन बनाए रखना भी जरूरी है क्योंकि वायरस सबसे पहले आपके शरीर को डिहाइड्रेट करते हैं।
6. ऐसे वक्त में अपने नाक और मुंह को ढंकना जरूरी है। मास्क का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें।
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