Yoga poses for uric acid : ये 7 योगासन कंट्रोल कर सकते हैं यूरिक एसिड, जानिए क्यों बढ़ता है यह

शरीर में प्यूरीन की मात्रा बढ़ने से यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने लगता है। इससे ब्लड सेल्स को नुकसान पहुंचने लगता है। इसके चलते कई अन्य समस्याओं समेत जोड़ों में दर्द का भी सामना करना पड़ता है।
Jaanein Paschimottanasana karne ke fayde
हैमस्ट्रिंग को मज़बूत कर शारीरिक थकान दूर करने वाले इस योगासन को करने से शरीर में यूरिक एसिड के लेवल को नियंत्रित किया जा सकता है। चित्र- अडोबी स्टॉक
Published On: 29 Dec 2024, 08:00 am IST
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बहुत से लोगों को शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने की समस्या का सामना करना पड़ता है। दरअसल, शरीर में बढ़ने वाली प्यूरीन की मात्रा इस समस्या के जोख्मि को बढ़ा देती है। अनहेल्दी खानपान से शरीर में बढ़ने वाली इस समस्या के कारण जोड़ों में दर्द, ठंड लगना और घुटनों में दर्द की समस्या बनी रहती है। इससे राहत पाने के लिए लोग दवाओं की मदद लेते हैं। लेकिन अगर आप शरीर में यूरिक एसिड के लेवल को नियंत्रित रखना चाहते हैं, तो इन आसान योगासनों की मदद लें (Yoga poses for uric acid) ।

शरीर में क्यों बढ़ने लगती है यूरिक एसिड की समस्या (Yoga poses for uric acid)

गुरुग्राम के आर्टिमिस हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ. पी वेंकट कृष्णन का कहना है कि शरीर में प्यूरीन की मात्रा बढ़ने से यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने लगता है। इससे ब्लड सेल्स को नुकसान पहुंचने लगता है। इसके चलते कई अन्य समस्याओं समेत जोड़ों में दर्द का भी सामना करना पड़ता है।

इस बारे में योग एक्सपर्ट भावना जपत्यानी बताती हैं कि योगाभ्यास की मदद से यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है। इससे शरीर में ब्ल्ड का सर्कुलेशन नियमित बना रहता है। इससे किडनी फंक्शनिंग में सुधार होता है, जिससे यूरिन के माध्यम से यूरिक एसिड को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है। शरीर में मौजूद हाई यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए इन योगासनों का करें अभ्यास।

Uric acid ko kaise kum karein
एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर गोखरू का सेवन करने से शरीर में यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

इन योगासनों से होगा यूरिक एसिड नियंत्रित (Yoga poses for uric acid)

1. अर्ध मत्स्येन्द्रासन (Spinal half twist)

इस योगासन का अभ्यास करने से टांगों की मांसपेशियों में खिंचाव बढ़ने लगता है। इससे दर्द व ऐंठन से राहत मिलती है और शरीर का लचीलापन बना रहता है। इसके अलावा शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को भी डिटॉक्स करने में मदद मिलती है।

जानें इसे करने की विधि

इसे करने के लिए सबसे पहले मैट पर बैठ जाएं। अब दोनों टांगों को घुटनों से मोड़ लें। दाई टांग को जमीन पर लगाएं। वहीं बाई टांग को जमीन पर रखें। उसके बाद दांए हाथ से बाएं पैर को पकड़ लें। इसके बाद बाएं हाथ को कमर के पीछे लेकर जाएं। शरीर की क्षमता के अनुसार इस योगासन का अभ्यास करें। इससे जोड़ों में बढ़ने वाले दर्द को कम किया जा सकता है।

2. सुखासन (Easy pose)

इस योगासन का अभ्यास करने से तन और मन को शांति की प्राप्ति होती है। इससे शरीर रिलैक्स होता है और पोश्चर में सुधार आता है। साथ ही ाइजेशन बूस्ट होता है और शरीर में मौजूद अतिरिक्त यूरिक एसिड को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है।

जानें इसे करने की विधि

इसे करने के लिए मैट के बल बैठ जाएं और पीठ को सीधा कर लें। अब घुटनों को मोड़कर जमीन से छुएं। दोनों हथेनियों को घुटनों पर टिका लें। इस दौरान कमर में खिचाव महसूस होता है, सीधा बैठकर गहरी सांस लें और छोड़ दें। आंखें भी बंद कर लें और शरीर की क्षमता के मुताबिक अभ्यास करें।

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सुखासन को बिगनर्स पोज़ भी कहा जाता है। इस इज़ी पोज़ को करने से रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है। चित्र- अडोबी स्टॉक

3. पश्चिमोत्तानासन (Seated forward bend)

पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास करने से यूरिक एसिड के लेवल को मैनेज करने में मदद मिलती है। इससे किडनी को स्टीम्यूलेट करके यूरिक एसिड को छानने में मदद मिलती है। इसके अभ्यास से रीढ़ और हैमस्ट्रिंग में खिंचाव आने लगता है।

जानें इसे करने की विधि

सबसे पहले मैट पर बैठ जाएं और दोनों टांगों को सामने की ओर सीधा कर लें। अब दोनों बाजूओं को आगे की ओर लेकर आएं। उसके बाद कमर से शरीर को आगे की ओर झुकाएं और दोनों हाथों से पैरों को पकड़ने का प्रयास करें। इस दौरान कोहनियों को मोड़ते हुए जमीन से छुएं।

4. भुजंगासन (Cobra pose)

इस योगासन की गिनती सूर्य नमस्कार के 12 योगासनों में की जाती है। इसे करने से शरीर के मसल्स को मज़बूती मिलती है और कार्य क्षमता में भी सुधार आने लगता है। इसके नियमित अभ्यास से पेट पर प्रेशर बढ़ता है, जिससे यूरिक एसिड का स्तर नियंत्रित रहता है और वेटलॉस में मदद मिलती है।

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जानें इसे करने की विधि

इसे करने के लिए पेट के बल लेट जाएं। अब दोनों बाजूओं को ज़मीन पर टिका लें। शरीर को उपर की ओर उठाएं और दोनों बाजूओं को सीधा कर लें। सिर को पीछे की ओर लेकर जाएं और कमर तक शरीर उपर उठाएं। गहरी सांस लें और फिर छोड़ें।

5. सेतुबंधासन (Bridge pose)

कोर मसल्स की मज़बूती के लिए किए जाने वाले इस योगासन को करने से शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है। इससे टॉक्सिक पदार्थों को रिमूव करने में मदद मिलती है और शारीरिक तनाव कम होने लगता है। नियमित रूप से इसका अभ्यास करने से शरीर दिनभर एक्टिव रहता है।

जानें इसे करने की विधि

इस योगासन को करने के लिए पीठ के बल मैट पर ले जाएं। अब कमर से शरीर को उपर ओर उठाएं। दोनों टांगों को घुटनों से मोड़कर रखें और दूरी बनाकर रखें। कंधों और गर्दन को जमीन पर टिकाकर रखें। उपर की ओर देखें और गहरी सांस लें व छोड़ें।

Bridge pose ke fayde
कोर मसल्स की मज़बूती के लिए किए जाने वाले इस योगासन को करने से शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है।

6. विपरीत करणी (Leg up the wall pose)

वे लोग जो यूरिक एसिड की समस्या से परेशान हैं, उन्हें विपरीत करणी योगासन का अभ्यास करना चाहिए। इससे शरीर के निचले शरीर में बए़ने वाली सूजन को कम किया जा सकता है। साथ ही ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है। इससे गठिया के लक्षणों से भी राहत मिलती है।

जानें इसे करने की विधि

इसे करने के लिए मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। अब दोनों बाजूओं को जमीन पर लगाकर रखें। अब टांगों को उपर की ओर उठाएं। इस योगासन के लिए दीवार की भी मदद ली जा सकती है। इसे करने के लिए सिर के नीचे तकिया रख लें। इस दौरान गहरी सांस लें और छोड़ें।

7. अधोमुखश्वासन (Downward facing dog pose)

शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ाने के लिए अधोमुखश्वासन का अभ्यास फायदेमंद साबित होता है। इससे गाउट के लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे शरीर में मोबिलिटी बढ़ने लगती है। साथ ही शरीर में बढ़ने वाली थकान और कमज़ोरी से बचा जा सकता है।

जानें इसे करने की विधि

इस योगासन का अभ्यास करने के लिए मैट पर खड़े हो जाएं। अब दोनों टांगों के मध्य गैप बनाकर रखें। उसके बाद कमर को आगे की ओर झुकाएं और दोनों बाजूओं को जमीन पर टिका लें। इस दौरान शरीर को आर्क की ोप में लेकर आएं। सिर नीचे की ओर रखें अैर शरीर की क्षमता के मुताबिक इसका अभ्यास करें।

लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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