चेहरे पर बनने वाले छोटे छोटे दाग खूबसूरती को दिनों दिन कम करने लगते हैं। इससे चेहरे की त्वचा डल नज़र आने लगती है। डार्क स्पॉटस किसी खास उम्र के मोहताज नहीं है। उनका ताल्लुक हमारी आदतों से है और हमारी दिनचर्या से है। उसमें खाना, भागदौड़ और घूमना शुमार है। हर चीज़ का असर हमारे चेहरे पर नज़र आने लगता है।
आइए जानते हैं, प्राकृतिक चिकित्सक डॉ अनिल बंसल से कि वो कौन से कारण है, जिससे हमारे चेहरे की त्वचा पर डार्क स्पॉटस बनने लगते हैं (Habits that cause dark spots) ।
चेहरे पर होने वाले अनचाहे दागों के लिए कई बार हमारी डाईट भी एक बड़ा कारण साबित हो सकती है। दरअसल, स्पाइसी खाने में तेल और मिर्ची की मात्रा ज्यादा होती है, जो चेहरे पर होने वाले पिंपल्स की वजह बन जाते हैं। अगर उन पिंपल्स का सही इलाज न करवाया जाए। तो वो चेहरे या गर्दन पर हमेशा एक दाग की तरह नज़र आने लगते हैं। ऐसे में मौसमी फलों और सब्जियों का सेवन आपको स्वास्थ्यवर्धक बनाता है। आप चाहें, हरी सब्जियों को सैलेड यां जूस की फॉर्म में ले सकते हैं।
सर्दियों में खासतौर से चुकुंदर, संतरा और गाजर का जूस आपके चेहरे पर निखार लाने का काम करता है। इसके अलावा कच्चे आलू का रस, चुकुंदर का रस और एलोवेरा जेल को मिला लें। फिर उसे आप रूई के फाहे की मदद से चेहरे पर लगाएं। इससे चेहरे आने वाले अनचाहे दाग दूर हो जाएंगे। आप चाहें, तो आलू के स्लास लेकर उसे चेहरे पर कुछ देर के लिए रगड़ भी सकते हैं। इससे ओपन पोरस में जमा टॉक्सिन अपने आप बाहर आ जाता है। दरअसल, आलू में सल्फर, कॉपर और जिंक के गुण पाए जाते हैं, जो स्किन को क्लीन करने का काम करते हैं।
अगर आपके चेहरे पर ब्लैकहेड्स या वाइटहैड्स बने हुए हैं। तो उन्हें नाखून या फिर अन्य किसी नुकीली चीज़ से निकालने का प्रयास न करें। ज़ाहिर है कि आप अपने चेहरे को गंदा देखना पसंद नहीं करेंगे। मगर इसके लिए नियमित फेस क्लिजिंग करे। अक्सर वर्किंग वुमेन्स को बाहर निकलने ही धूल मिट्टी और पाल्यूशन का सामना करना पड़ता है। इससे चेहरे के ओपन पोरस में गंदगी इकट्ठा होकर पिंपल्स की शक्ल ले लेते हैं। साथ ही ब्लैकहेड्स या वाइटहैड्स नाक और फोरहेड पर उभरने लगते हैं। इसके लिए चेहरे की क्लीनिंग करें और डे केयर रूटीन अपनाएं। इसमें टोनिंग क्लीनिंग और माइश्चराइंजिंग शामिल हैं। कई बार त्वचा पर बनने वाले दानों को खरोचने से चेहरे की बनावट भी खराब होने लगती है। साथ ही बाहर से लौटने पर चेहरे को फेस वाष से अवश्य धोएं। इसके अलावा चेहरे पर आप विटामिन सी सीरम रेगुलर अप्लाई करें।
सूरज की किरणें भी चेहरे पर होने वाले काले दागों का कारण साबित हो सकती है। दरअसल, हमारी स्किन में मेलानिन पाया जाता है। जो यूवी रेज से हमें प्रोटेक्ट करता है। मगर ज्यादा देर तक धूप में बैठने या काम करने से यूपी रेज़ चेहरे को बहुत ज्यादा प्रभावित करने लगती है। ऐसे में धूप में जाने से पहले सनस्क्रीन ज़रूर अप्लाई करें।
स्किन को हाइड्रेट रखने का काम करें। इसके लिए दिन में कम से कम दो लीटर पानी अवश्य पीएं। इससे बॉडी से सभी गैर ज़रूरी पदार्थ डिटॉक्स होने लगते है। साथ ही चेहरे पर होने वाले दाग की समस्या अपने आप हल हो जाएगी।
अत्यधिक कॉस्मेटिक्स के इस्तेमाल से बचें। चेहरे को कवर करके बाहर निकलें।
खान पान का ख्याल रखें। स्पीइसी खाने को मील का हिस्सा न बनाएं।
गरम तासीर वाले खाद्य पदार्थों को ज्यादा मात्रा मे न खाएं। इससे वे कई बार स्किन रैशेज और दाने उभरने का कारण बन सकते हैं।
होम मेड फेस्क मास्क और स्क्रब नियमित तौर पर चेहरे पर अप्लाई करें।
नियमित वॉक पर जाएं या कुछ देर वर्कआउट करें, ताकि आपका ब्ल्ड र्स्कुलेशन नियमित हो सके।
किसी भी प्रकार के तनाव को खुद पर हावी न होने दें।
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